भारत समेत विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में अक्टूबर के महीने में भी मध्यम वर्षा होते रहने की संभावना है |
   2 से 3 अक्टूबर तक वर्षा होने की संभावना है | 4 से 7 अक्टूबर को जहाँ तहाँ सामान्य वर्षा हो सकती है जबकि समुद्र के किनारे बसे देशों प्रदेशों में अधिक वर्षा एवं आँधी तूफ़ान की संभावना है |

जिन क्षेत्रों में वर्षा नहीं होगी और वायु का प्रवाह भी अधिक नहीं होगा वहाँ वायु प्रदूषण की मात्रा इन दिनों में विशेष अधिक बढ़ जाएगी |
 8 अक्टूबरको मौसम सामान्य रहेगा |

9और10 अक्टूबर को वर्षा और बादलों की मात्रा सामान्य से कुछ अधिक रहेगी |
11 से 13  अक्टूबर तक वर्षा की मात्रा अधिक रहने की संभावना है |
14 अक्टूबर को कुछ देशों प्रदेशों में काले काले अत्यंत डरावने बादल उठेंगे और अधिक वर्षा हो सकती है |
 15 और 16  अक्टूबर को अधिकाँश देशों प्रदेशों में मध्यम वर्षा होने की संभावना है |  
 17 अक्टूबर को बादल और वायु की मात्रा अधिक रहेगी |
  18 से 20 अक्टूबर तक सफेद रंग के हलके बादलों के साथ साथ वायु का प्रवाह अच्छा रहेगा |
   विशेष बात : 21 से 31 अक्टूबर तक अधिकाँश देशों प्रदेशों में वर्षा की मात्रा अधिक रहेगी |
 21 अक्टूबर को मौसम सामान्य रहेगा |
22 अक्टूबर को वर्षा की अधिक संभावना है |
23 अक्टूबर को सामान्य वर्षा हो सकती है |
24 से 26 अक्टूबर तक विशेष अधिक वर्षा की संभावना है |
27 अक्टूबर को अधिक वर्षा हो सकती है |
28 अक्टूबरको तेज हवाओं के साथ बादलों कीआवाज ही लगी रहेगी कहीं कहीं सामान्य से कुछ अधिक वर्षा हो सकती है |
29 से 31 अक्टूबर तक मध्यम वर्षा होने की संभावना है |
 विशेष बात :3,45,8,9,10 और 12, 13 14 तारीखों में वर्षा की अधिक हो सकती है |
आँधी तूफान : 1 से 18 अक्टूबर तक एवं 25 से 31 अक्टूबर तक वायु का प्रवाह अधिक रहेगा !3 से 7 अक्टूबर एवं 17 से 21 अक्टूबर के बीच कुछ देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान तथा चक्रवात आदि की घटनाएँ घटित हो सकती हैं |
  तापमान एवं अग्नि प्रकोप :  जिन देशों प्रदेशों में वर्षा नहीं होगी वहाँ अक्टूबर के महीने में तापमान काफी अधिक बढ़ा रहेगा !ऐसा होने के पीछे के वैज्ञानिक कारण न समझ पाने वाले मौसम वैज्ञानिक इसे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बताने लगेंगे !19 से 31 अक्टूबर तक तापमान विशेष अधिक बढ़ जाएगा !इस समय थोड़ी भी असावधानी के कारण आग लगने की घटनाएँ अधिक घटित होंगी | इस दृष्टि से 2,8,17,21,29 तारीखें विशेष अधिक महत्त्वपूर्ण होंगी |  
उत्पात का समय : 3 से 8 अक्टूबर एवं 16 से 22 अक्टूबर के बीच संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी रहेगी जिसका दुष्प्रभाव पृथ्वी की गहराई से लेकर आकाश की ऊँचाई  तक दिखाई पड़ सकता है | इसके कारण भूकंप बज्रपात जैसी घटनाएँ एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे  हो सकते हैं |इस समय मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण देशों समुदायों लोगों में उन्माद की भावना पनपेगी जिससे उनके बीच आपसी संबंध तनावपूर्ण होते देखे जाएँगे | ऐसे समय में लोगों के चिंतन में उन्माद की मात्राअन्य समय की अपेक्षा अधिक बढ़ते देखी  जाती है |भूकंप,बज्रपात, आंदोलन, उन्माद , संघर्ष, आतंकवादी घटनाएँ, विमानदुर्घटनाएँ, वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,बम विस्फोट एवं  देश की सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी आदि की संभावनाएँ बन सकती हैं |
 विशेष तनाव पूर्ण समय :
    16 से 22 अक्टूबर के बीच सभी के लिए तनाव बढ़ने का समय है | इसलिए जिनका पहले से कोई तनाव चला आ रहा होगा उन्हें इस समय में अधिक परेशानी होगी | जिनके साथ ऐसा नहीं है इस समय में बेचैनी उनकी भी बढ़ेगी किंतु उन्हें अधिक परेशानी का अनुभव नहीं होगा |    

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