मौसम पूर्वानुमान :सितंबर- 2022 (वैदिक)

मौसम पूर्वानुमान : सितंबर- 2022 (वैदिक) सितंबर महीने का संक्षिप्त मौसम पूर्वानुमान !
इस महीने में अच्छी वर्षा की संभावना है जो कृषि के लिए हितकारी होगी किंतु बहुत अधिक वर्षा एवं हिंसक बाढ़ जैसी घटनाएँ कम स्थानों पर कम दिनों में ही देखने को मिलेंगी | जम्मू कश्मीर हिमाचल उत्तराखंड आदि में वर्षा की निरंतरता जारी रहेगी | गुजरात मध्यप्रदेश महाराष्ट्र आदिमें विशेष वर्षा की संभावना है तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहेगा | तेज हवाओं के साथ साथ कुछ स्थानों पर वायु प्रदूषण बढ़ता हुआ दिखाई देगा | 7,8,9 एवं 22,23 सितंबर को विशेष वर्षा होने की संभावना है |

अब विस्तार से –
1 और 2  सितंबर को समुद्री हवाएँ तेज चलेंगी | कुछ स्थानोंपर आँधी तूफ़ान जैसे उपद्रव घटित हो सकते हैं | महाराष्ट्र कर्नाटक तमिलनाडु आंध्रप्रदेश मध्यप्रदेश जैसे प्रांतों में आँधी तूफानों की घटनाएँ भी घटित होने की संभावना है |इस समय हवाओं का वेग कुछ अधिक होगा | इन दिनों में परिवारों में अकारण तनाव बढ़ना प्रारंभ होगा | समाज में आंदोलन तनाव उन्माद  जैसी घटनाऍं   घटित होते देखी जाएँगी |वायु मंडल से लेकर नदियों तालाबों के जलों में प्रदूषण की मात्रा बढ़नी शुरू हो जाएगी |
3 और 4 सितंबर को  वायुप्रदूषण का  स्तर पहले की अपेक्षा बढ़ जाएगा | पारिवारिक एवं सामाजिक संबंधों में  अचानक तनाव बढ़ना प्रारंभ हो सकता है |शुगर रोगियों को विशेष  सावधान रहना चाहिए इन दिनों में  शुगर की मात्रा अपेक्षा कृत अधिक हो सकती है| समाज में तनाव का वातावरण कहीं कहीं विशेष हिंसक हो सकता है ,मौसम सामान्य रहेगा अधिकाँश आकाशमण्डल में भूरे रंग के बादलों का जमावड़ा रहेगा केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |विशेषकर दक्षिण पश्चिमी भारत में मौसम का प्रकोप अधिक दिखाई देगा |
5 सितंबर को अनेकों देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति रह सकती है फिर भी तेज धूप रहेगी | तापमान बढ़ जाएगा! वायु मंडल में ज्वलन शीलता  की मात्रा अचानक बढ़ जाने के कारण इस दिन आग लगने की संभावना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक रहेगी | सूर्य की किरणें अधिक तीव्र होंगी | नदियों तालाबों में प्रदूषण की मात्रा कम होनी प्रारंभ होगी |इसी दिन सायंकाल में वर्षा का वातावरण बनता दिखाई देगा !


6सितंबर को पश्चिम की ओर से आने वाली गरम हवाओं की गति धीमी होगी एवं हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से वातावरण में न केवल नमी की मात्रा बढ़ेगी अपितु कुछ देशों प्रदेशों में बादलों की अधिक उपस्थिति के साथ साथ  वर्षा होने की संभावना है |
7 और 8 सितंबर को विश्व के अनेकों  देशों प्रदेशों में अधिक बादलों के साथ साथ विशेष अधिक वर्षा होते देखी  जा सकती है |विशेषकर भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल दिल्ली  हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार आदि में वर्षा हो सकती है |
9 और 10 सितंबर को उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड असम मेघालय मणिपुर सिक्किम आदि प्रदेशों में काफी अधिक वर्षा होने की संभावना है जिससे कई देश प्रदेश आदि वर्षा से प्रभावित होंगे| जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में भी वर्षा हो सकती है |इन दिनों में तापमान एवं वायु प्रदूषण की मात्रा कुछ कम रहेगी |
11 सितंबर को बादलों की उपस्थिति रहेगी ! कहीं कहीं सामान्य वर्षा हो सकती है | हवाओं में तापमान कुछ कम रहेगा !
12 सितंबर को तापमान अधिक रहेगा |कुछ स्थानों पर आग लग जाने की दुर्घटनाएँ घटित हो सकती हैं | इस दिन वर्षा होने की संभावना अन्य दिनों की अपेक्षा कम है |तेज हवाएँ चल सकती हैं |
13 और 14 सितंबर को हवाओं की गति बढ़ेगी !वायु प्रदूषण बढ़ेगा  !कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ घटित हो सकती हैं|!पश्चिम बंगाल झारखंड,छत्तीसगढ़,उड़ीसा तेलंगाना आंध्रप्रदेश,तमिलनाडु जैसे क्षेत्रों में बादलों का जमावड़ा बढ़ सकता है |वर्षा की संभावना है | समुद्री तटों के कुछ देशों प्रदेशों में  तेज हवाओं के साथ अधिक वर्षा हो सकती है |
15 और 16 सितंबर को उत्तर भारत,मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र ,कर्नाटक जैसे प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ वर्षा हो सकती है | इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण संभव है ,जिससे समुद्रवर्ती कुछ देशों प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ  वर्षा का वातावरण बनने  की संभावना है | उत्तर भारत में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है |लोगों के मन में अकारण एक दूसरे के प्रति तीव्र विद्वेष की भावना पनपेगी |
17 सितंबर को वायु की गति कुछ कम होगी ,अन्य समय की अपेक्षा तापमान कुछ बढ़ा रहेगा | वायु प्रदूषण कम होना प्रारंभ होगा | समाज में व्याप्त उन्माद कीभावना शांत होगी|पूर्वोत्तर प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति बढ़ती देखी  जा सकती है |कहीं कहीं मध्यम वर्षा की संभावना है |
18 और 19सितंबर को वायु की गति कुछ कम होगी ,वातावरण में नमी की मात्रा बढ़नी प्रारंभ होगी |  वायु प्रदूषण कम होना प्रारंभ होगा | समाज में व्याप्त उन्माद की भावना शांत होगी | पूर्वोत्तर प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति बढ़ती देखी  जा सकती है |कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ वर्षा होने की संभावना है |
20 और 21 सितंबर को अधिकाँश देशोंप्रदेशों में विशेष वर्षा हो सकती है |हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में विशेष वर्षा हो सकती है |हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा अधिक रहेगी|
22 और 23 सितंबर को पृथ्वी के अधिकाँश भागों में काफी अधिक वर्षा हो सकती है जिससे विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों अत्यंत अधिक वर्षा होने के कारण भीषण बाढ़ जैसे भयंकर दृश्य देखने को मिल सकते हैं |
24 और 25 सितंबर को अधिकाँश देशोंप्रदेशों में वर्षा हो सकती है |हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में विशेष वर्षा हो सकती है |हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा अधिक रहेगी|
26 सितंबर को अच्छी वर्षा हो सकती है ! अधिकाँश स्थानों पर बादलों की उपस्थिति दिखाई देगी | तापमान कुछ घटेगा किंतु अभी विशेष कम होने की आशा नहीं की जानी चाहिए !
 27 सितंबर को कहीं कहीं अल्प मात्रा में बादलों की उपस्थिति देखने को मिलेगी तथा पहाड़ी प्रांतों में मध्यम वर्षा होने की संभावना है|अधिकाँश भूभाग में धूप रहने  की संभावना है, अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान बढ़ जाएगा! वायु मंडल मेंअग्नि तत्व की अधिकता रहेगी जिससे कुछ स्थानों पर आग लगने की घटनाएँ घटित हो सकती हैं |
28 और 29 सितंबर को समुद्री हवाएँ तेज चलेंगी | कुछ स्थानोंपर आंधी तूफ़ान जैसे उपद्रव घटित हो सकते हैं | दक्षिण पूर्वी भारत में वर्षा के साथ साथ आँधी तूफानों की घटनाएँ भी घटित होने की संभावना है |इस समय हवाओं का वेग कुछ अधिक होगा | परिवारों में अकारण तनाव बढ़ना प्रारंभ होगा | समाज में आंदोलन तनाव जैसी घटनाऍं   घटित होते देखी जाएँगी |वायु मंडल से लेकर नदियों तालाबों के जलों में प्रदूषण की मात्रा बढ़नी शुरू हो जाएगी |
30 सितंबर को आकाश में वायुप्रदूषण का स्तर पहले की अपेक्षा बढ़ जाएगा | पारिवारिक एवं सामाजिक संबंधों में  अचानक तनाव बढ़ना प्रारंभ हो सकता है |शुगर रोगियों को विशेष  सावधान रहना चाहिए इस दिन शुगर की मात्रा अपेक्षा कृत अधिक हो सकती है|इन दिनों में समाज में भी तनाव का वातावरण विशेष हिंसक हो सकता है ,इस दिन वर्षा की विशेष संभावना है | समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |विशेषकर दक्षिण पश्चिमी भारत में मौसम का प्रकोप अधिक दिखाई देगा |

आँधी तूफ़ान : सितंबरके संपूर्ण महीने में तेज तूफानों की घटनाएँ बहुत कम घटित होंगी  फिर भी 1,2,3,4,14, 15,16,17,29,30  सितंबर को समुद्र में विशेष हलचल रहेगी | इस समय वायु संबंधी उपद्रव अधिक घटित होते दिखाई पड़ेंगे |इन दिनों में कुछ देशों प्रदेशों में हिंसक तूफानों एवं समुद्र तटवर्ती क्षेत्रों में चक्रवातों बज्रपातों  की घटनाएँ घटित होते अधिक देखी जा सकती हैं |विश्व के दक्षिणी भाग में तेज तूफानों की घटनाएँ अधिक घटित होते देखी जा सकती हैं |

आग के बिषय में : सितंबर महीने में  वायु मंडल में ज्वलन शील गैसों की स्थिति सामान्य रहेगी अतएव इस महीने में अग्नि संबंधी दुर्घटनाएँ कम घटित होंगी ,फिर भी 5, 12, 18, 27 सितंबरको आग लगने की घटनाएँ घटित हो सकती हैं |इसलिए  उपर्युक्त दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए |

तनाव का समय : 1,2,3, 4,27,28,29,30 सितंबर को लोगों के मन में अकारण तनाव बढ़ सकता है | ऐसे समय में विभिन्न वर्गों समुदायों सम्प्रदायों एवं कुछ देशों के बीच में आपसी तनाव विशेष अधिक बढ़ सकता है | ऐसे समय में जिन्हें पहले से कोई तनाव चला आ रहा होगा उन्हें इस समय में अधिक परेशानी होगी | जिनके साथ ऐसा नहीं है इस समय में बेचैनी उनकी भी बढ़ेगी किंतु उन्हें अधिक परेशानी का अनुभव नहीं होगा |इन दिनों में लोगों को आतंरिक एवं बाह्य तनाव का सामना अधिक करना पड़ सकता है |

उत्पात का समय :
सितंबर के महीने में 1 से 4,13 से 17 एवं 28-30   सितंबर के बीच आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी | इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,सुनामी बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की  सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बम विस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए

विशेष बात :मैं विश्वास पूर्वक कह सकता हूँ कि प्रकृति के स्वभाव के आधार पर मौसम के विज्ञान को समझने में मौसम वैज्ञानिकों को अभी भी हजारों वर्ष लग सकते हैं क्योंकि अभी तक मौसम का कोई ऐसा विज्ञान ही नहीं है जिसके द्वारा मौसम को समझना इसके विषय में अनुमान पूर्वानुमान आदि लगाना संभव हो | 

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