मौसम पूर्वानुमान : जनवरी 2022 (वैदिक)

1 और 2 जनवरी को कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |कुछ क्षेत्रों में वर्षा की संभावना भी है |

3और 4 जनवरी को हवाओं का वेग क्रमशः कम होने लगेगा | उसके साथ साथ तापमान कम होगा |कुछ स्थानों पर मध्यमस्तरीय वर्षा की संभावना है | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी जैसा वातावरण बन सकता है |

5और 6जनवरी को भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में बर्फवारी हो सकती है | हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान

दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में भी कहीं कृषि के लिए हितकर वर्षा की संभावना  है |सामाजिक राजनैतिक आदि क्षेत्रों से संबंधित तनाव में कमी आएगी | मौसम पूर्वानुमान आज से दस हजार वर्ष पहले तक का जानने की विधि !
7और 8 जनवरी को  बादलों की उपस्थिति रह सकती है | वर्षा की संभावना कम है तापमान घटेगा वायु प्रदूषण पर अंकुश लगेगा |आकाश में प्रातः काल कोहरा पड़ना प्रारंभ हो सकता है |
9जनवरी को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ अधिक होगा !वायु प्रदूषण भी कुछ कम होगा | बादलों की आवाजाही रहेगी किंतु वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |
10जनवरी को कुछ क्षेत्रों के  वायुमंडल में बढ़ती ज्वलनशील गैसों की मात्रा के कारण आग लगने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है | इसलिए अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
       विशेष :11 से 15 जनवरी तक तेज तूफानों की संभावना है |
11 जनवरी को कुछ क्षेत्रों में हवाएँ चलने के कारण शीतलहर प्रारंभ हो सकती है जहाँ हवाओं की गति अधिक नहीं होगी वहाँ के आकाश में धुंध बढ़नी प्रारंभ होगी | सामाजिक वातावरण में उत्तेजना बढ़ने से इन दिनों विवाद बढ़ने की संभावना अधिक है | देश की सीमाओं पर उत्तेजना बढ़ सकती है
12और13जनवरी को समुद्र के किनारे वाले देशों प्रदेशों में चक्रवाती वर्षा की संभावना अधिक है जिससे समुद्री देशों प्रदेशों में अधिक वर्षा हो सकती है | समुद्री तटों के अतिरिक्त भागों में भी अच्छी वर्षा हो सकती है |इन दिनों में वातावरण में तनाव व्याप्त रहेगा सभी प्रकार से सावधानी बरतते हुए समय व्यतीत करना चाहिए | देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |इन दिनों आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |इसलिए इन दिनों में ऐसी यात्राओं में विशेष सावधानी वरती  जानी चाहिए | इस समय  वायुप्रदूषण विशेष अधिक बढ़ जाएगा |
14  जनवरी को हवाओं का वेग विशेष बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा |समुद्री क्षेत्रों में निर्मित हो चुके चक्रवात कुछ देशों  प्रदेशों की ओर बढ़ने लगेंगे |जिससे आगामी कुछ दिनों में उन क्षेत्रों को भारी वर्षा एवं तेज  तूफानों का सामना करना पड़ सकता है | इन दिनों में व्यक्तिगत सामाजिक राजनैतिक आदि तनाव अपने चर्म पर होगा फिर भी आपसी विचार विमर्श पूर्वक समस्याओं के समाधान निकलने प्रारंभ होंगे | उपद्रवियों में भी उपद्रव की भावना कम होगी |
     विशेष :15 से 23 जनवरी के बीच तेज हवाएँ चलने की संभावना है | इसके अतिरिक्त 15 से 25 जनवरी तक कृषिक्षेत्र के लिए अच्छी  हितकारी वर्षा हो सकती है |
15 जनवरी को तापमान भी कुछ बढ़ चुका होगा !कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वकअग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
 16 और 17 जनवरी को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ कम होगा !वातावरण में नमी बढ़ने लगेगी, बादलों की आवाजाही देखी  जा सकती है | पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी होनी प्रारंभ हो सकती है |कहीं कहीं कृषि कार्यों के लिए हितकारी अच्छी वर्षा हो सकती है | वातावरण में नमी अधिक होगी | धूप धूमिल होनी प्रारंभ हो जाएगी |
  18जनवरी को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ कम होगा !वातावरण में नमी बढ़ने लगेगी, बादलों की आवाजाही देखी  जा सकती है | पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी होनी प्रारंभ हो सकती है |कहीं कहीं कृषि कार्यों के लिए हितकारी वर्षा होने की संभावना है | वातावरण में नमी अधिक होगी | धूप धूमिल होनी प्रारंभ हो जाएगी |
19 और 20जनवरी को हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ेगी |तापमान कम होगा |अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी |जिससे कुछ क्षेत्रों में अच्छी वर्षा हो सकती है | पहाड़ी क्षेत्रों में वर्फबारी की संभावना बन सकती है |
21और 22जनवरी को भारत के  जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में मध्यमस्तरीय वर्षा होने की संभावना है |
23 जनवरी को विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में बादलों की आवाजाही लगी रहेगी कहीं कहीं अत्यंत सामान्य वर्षा होने की संभावना है |
24जनवरी को   ज्वलनशील गैसों की मात्रा के कारण आग लगने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है | इसलिए अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
 25और 26जनवरी को कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण बढ़ने लगेगा | सामाजिक वातावरण में मानसिक तनाव की मात्रा इस समय अधिक बढ़ती दिखाई देगी |इन दिनों में एक से अधिक चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |सामान्यतौर पर इन दिनों  में वर्षा नहीं होगी| केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना अचानक बन सकती है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है |देश की सीमाओं पर अधिक सक्रियता बढ़ाई जानी चाहिए |इन दिनों आकाशीय एवं समुद्री उपद्रवों की संभावना है |इसलिए इन दिनों में ऐसी यात्राओं में विशेष सावधानीवरती  जानी चाहिए |यहाँ से तापमान तेजी से गिरना प्रारंभ हो जाएगा !सर्दी अचानक बढ़ जाएगी |
 27 जनवरी को वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |सामाजिक पारिवारिक राजनैतिक प्राकृतिक आदि परिस्थिति में तनाव बढ़ा रहेगा !लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि में कुछ अधिक वर्षा हो सकती है |
29जनवरी को कुछ क्षेत्रों में आग लगने जैसी घटनाएँ घटित होते देखी जा सकती हैं | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |
30  जनवरी को बादलों की आवाजाही  बढ़ेगी | कुछ क्षेत्रों में कृषि के लिए हितकर  वर्षा होगी |
 31 जनवरी को हवाओं का वेग क्रमशः कम होने लगेगा | उसके साथ साथ तापमान कम होगा |कुछ स्थानों पर मध्यमस्तरीय वर्षा होने की संभावना है | पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फवारी जैसा वातावरण बन सकता है |

उत्पात का समय: 11 से 14 जनवरी तक तथा 25  से28 जनवरी तक के बीच उल्कापात बज्रपात जैसी प्राकृतिक घटनाएँ घटित हो सकती हैं |इस समय में आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी| इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की  सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बमविस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए

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