भारत में 19 फरवरी 2021 से पहले कोरोना संक्रमितों की संख्या बहुत कम रह गई थी यह देखकर बाबाजी ने कोरोना की औषधि  बताकर ‘कोरोनिल’ लांच कर दी !साथ में मंत्री खड़े कर लिए ताकि मंत्रियों की गुडबिल से बाबा जी के झूठ को भी सच मान लिया जाए !मंत्रियों का बाबा जी की कोरोनिल के समर्थन में खड़ा होना कितना जरूरी था कितनी मजबूरी थी वे बाबा जी की ‘कोरोनिल’ को कोरोना से मुक्ति दिलाने में सक्षम समझकर सम्मिलित हुए या  बाबा जी के रसूख के कारण ! मंत्रियों का ‘कोरोनिल’ की लांचिंग में सम्मिलित होने का मतलब रामदेव के दावों पर मोहर लगाना था|  वैसे मंत्रियों को कैसे लगा कि बाबा जी की ‘कोरोनिल’ कोरोना के रोगियों को रोगमुक्ति दिलाने में  कारगर है !
    19 फरवरी 2021 को ‘कोरोनिल’ लांच होते ही जैसे जैसे कोरोनिल की बिक्री बढ़ने लगी वैसे वैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ने लगी |कोरोनिल की बिक्री के साथ साथ कोरोना रोगियों की मृत्यु संख्या भी बढ़ने लगी | रामदेव की दवाओं के ग्राहक दिल्ली मुंबई जैसे महानगरों में

अधिक होते हैं ऐसे महानगरों में ही कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक बढ़ी जबसे कोरोनिल लांच हुई तभी से बढ़ी!इसकी जाँच होनी चाहिए कि उस समय ‘कोरोनिल’ में ऐसा क्या डाला गया था ? रामदेव की ‘कोरोनिल’ का न तो ‘कोरोना’ से कोई संबंध है और न ही आयुर्वेद से !जानिए कैसे ?
     ‘कोरोनिल’ दवा में यदि कोरोना समाप्त करने की क्षमता होती तो दिखाई पड़ती बाबा जी उसकी क्रेडिट लेने का भी पूरा प्रयास करते !अब ‘कोरोनिल’ लांच होते ही कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी तो इसकी जिम्मेदारी भी तो बाबा जी को लेनी चाहिए |
    बंधुओं ! ‘कोरोनिल’  महामारी की औषधि कैसे हो सकती है क्योंकि किसी भी रोग की औषधि बनाने  के लिए सबसे पहले उस रोग के बिषय में जानकारी जुटानी होती है |जिस कोरोना महामारी के लक्षणों में रोज बदलाव होता देखा जा रहा है जिसके बिषय में विश्व वैज्ञानिकों ने हाथ खड़े कर रखे हों  बाबा रामदेव को क्या उस कोरोना महामारी के बिषय में जानकारी थी ? यदि हाँ  बतावें –
    “महामारी प्रारंभ कैसे हुई कहाँ हुई क्यों हुई होने का कारण क्या था इसके लक्षण क्या हैं विस्तार कितना है प्रसार माध्यम क्या है विस्तार  कितना  है अंतरगम्यता कितनी है ये कम कब होगा समाप्त कब होगा संक्रमण से खतरा अधिक किस को है संक्रमण से बचाव करने के लिए क्या किया जाना चाहिए !महामारीजनित संक्रमण पर तापमान घटने एवं बढ़ने का  क्या प्रभाव पड़ेगा !वर्षाऋतु में इसका स्वरूप कैसा होगा ?वायु प्रदूषण बढ़ने का प्रभाव इस पर क्याअसर होगा ? आदि आदि !
      उनकी योग्यता के हिसाब से मैं बड़े विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि मेरे इन आवश्यक प्रश्नों का जवाब वो दोनों मिलकर भी सौ जन्मों में नहीं दे सकते हैं यदि दे सकते हैं तो बतावें सारी दुनियाँ को पता तो लगेगा कि महामारी आखिर है क्या ? कोरोना ,’कोरोनिल’ और बाबा रामदेव के रिसर्च पर सबसे बड़ा रिसर्च !
     बाबा रामदेव ‘कोरोनिल’ को  आयुर्वैदिक औषधि बताते हैं तो यह भी बतावें कि इस महारोग के लक्षण रामदेव को आयुर्वेद के किस ग्रंथ में मिले !दूसरी बात ‘कोरोनिल’ औषधि उन्होंने आयुर्वेद के किस ग्रंथ के किस सूत्र के आधार पर बनाई है ? जिस रोग को पहचानने एवं उसकी औषधि बनाने के बिषय में आयुर्वेद का अनुपालन ही न किया गया हो वह कोरोना जैसी महामारी की आयुर्वैदिक औषधि  कैसे हो सकती है !
    रामदेव यदि कोरोना महामारी की औषधि बनाने का दावा करते हैं तो पहले वो यही बता दें  कि महामारी के बिषय में वह जानते क्या हैं ?रोग को जाने बिना उसकी दवा कैसे बनाई जा सकती है ?

 

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