मौसमपूर्वानुमान :अप्रैल2021

       संक्षिप्तमौसमसाराँश :अप्रैल के महीने में वर्षा की संभावना 20 प्रतिशत के आसपास रहेगी !यद्यपि जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख हिमाचल उत्तराखंड आदि में वर्षा और वर्फबारी जैसी घटनाएँ इस महीने में भी देखने को मिल सकती हैं |विश्व के अधिकाँश देशों प्रदेशों में तापमान बढ़ने एवं आग लगने की संभावना 70 प्रतिशत तक रहेगी और आँधी तूफानों एवं चक्रवातों की संभावना 90 प्रतिशत तक रहेगी !कुल मिलाकर इस वर्ष में अप्रैल का महीना काफी गर्म एवं काफी अधिक आँधी तूफानों वाला होने की संभावना है |इसके अतिरिक्त वायुप्रदूषण का स्तर भी 1से 3 अप्रैल तक तथा 15से 17अप्रैल

तक एवं 27 से 30 अप्रैलतक काफी बढ़ा रहेगा | इन तारीखों में दूसरे ग्रहों से आयी धूल कुछ देशों प्रदेशों के वायुमंडल को  से ढक लेगी जिससे अप्रैल महीने की 10 तारीख के बाद 30 अप्रैल तक वायुप्रदूषण धारे धीरे क्रमशः बढ़ता चला जाएगा |मौसम में इस प्रकार की बिषमता बढ़ने के कारण मौसम भविष्यभाषकों को एक बार फिर से जलवायुपरिवर्तन ग्लोबलवार्मिंग जैसी निराधार मिथ्या काल्पनिक कहानियों का सहारा लेने के लिए विवश होना पड़ सकता है |  कोरोना महामारी का दिनोंदिन बढ़ता संक्रमण इसी 3 अप्रैल से कम होना प्रारंभ हो जाएगा और हमेंशा हमेंशा के लिए क्रमशः समाप्त होता चला जाएगा |वस्तुतः प्राकृतिक वातावरण इस समय संपूर्ण रूप से बिषाणुमुक्त हो चुका है |   
     वर्षा पूर्वानुमान : सामान्य तौर पर भारत समेत संपूर्ण विश्व में इस वर्ष अप्रैल के महीने में बारिश की संभावना कुछ दिनों के अतिरिक्त काफी कम है |
     1और 2 अप्रैल को तापमान बढ़ने के साथ साथ तेज हवाएँ चलेंगी !कुछ स्थानों पर तेज  आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ भी घटित हो सकती हैं |मेरुक्षेत्र के आसपास प्रशांत  महासागरीय समुद्री वायुमंडल में विक्षोभ के कारण इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है|जिससे समुद्रवर्ती कुछ देशों प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ वर्षा का वातावरण बन सकता है जबकि सामान्यतौर पर इन दिनों  में वर्षा होने की संभावना नहीं है |
    3 अप्रैल को दिन भर तापमान अधिक बढ़ा रहेगा लू जैसी गरम हवाओं के थपेड़े सहने पड़ सकते हैं| इससमय वायुमंडल में ज्वलनशील गैसों की अधिकता रहेगी !इस कारण थोड़ी भी असावधानी होने पर कहीं भी आग लग जाने की दुर्घटना घटित हो सकती है | इस दिन वर्षा होने की संभावना नहीं है |
4 और 5 अप्रैल को पश्चिम से आने वाली गरम हवाओं की गति धीमी होगी एवं हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा अधिक रहेगी |तापमान कुछ कम होगा |कुछ देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी जिससे वर्षा की संभावना नहीं है |
6 और 7 अप्रैल को इस दिन विश्व के अनेकों  देशों प्रदेशों में वर्षा की संभावना है | विशेषकर भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में वर्षा एवं बर्फबारी जैसी घटनाएँ  घटित होते देखी जा सकती हैं | हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि में वर्षा हो सकती है |
8 और 9 अप्रैल में बादलों की उपस्थिति तो रहेगी किंतु विशेष वर्षा की संभावना नहीं है हवाओं में शीतलता रहेगी फिर भी यहाँ से तापमान बढ़ना क्रमशः प्रारंभ हो जाएगा |
 10 अप्रैल को कुछ क्षेत्रों में न बरसने वाले बादलों की आवाजाही रहेगी !तापमान बढ़ेगा मौसम सामान्य रहेगा |
11 अप्रैल  को तापमान क्रमशः बढ़ना प्रारंभ जाएगा | लू जैसी गरम हवाओं का सामना करना पड़ सकता है |आग लग जाने की दुर्घटनाएँ अधिक  घटित हो सकती हैं | वर्षा होने की संभावना नहीं है |
 12और13अप्रैल को धूल भरी हवाओं का वेग बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा !तापमान भी अधिक बढ़ चुका होगा !कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ भी घटित हो सकती हैं | वर्षा की संभावना बहुत कम है !
14,15 और 16 अप्रैल को चक्रवातों का निर्माण हो सकता है | जिससे समुद्रवर्ती कुछ देशों प्रदेशों में तेज हवाओं के साथ  वर्षा का वातावरण बनने  की संभावना है जबकि सामान्यतौर पर इन दिनों  में वर्षा प्रायः नहीं होगी!केवल वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है |
 17अप्रैल को तापमान अधिक बढ़ा रहेगा लू जैसी गरम हवाओं के थपेड़े सहने पड़ सकते हैं| इससमय वायुमंडल में ज्वलनशील गैसों की अधिकता रहेगी !इस कारण थोड़ी भी असावधानी होने पर कहीं भी आग लग जाने की दुर्घटना घटित हो सकती है |वर्षा होने की संभावना नहीं है |
 18,19 और 20 अप्रैल को गरम हवाओं की गति धीमी होगी एवं हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा अधिक रहेगी |तापमान कुछ कम होगा |कुछ देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी जिससे कुछ क्षेत्रों में सामान्य वर्षा की संभावना है |
21,22 और 23 अप्रैल को  विश्व के कुछ देशों प्रदेशों में वर्षा की संभावना है | विशेषकर भारत के  जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में वर्षा एवं बर्फबारी जैसी घटनाएँ  घटित होते देखी जा सकती हैं | हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदि में वर्षा हो सकती है |
 24और25 अप्रैल को आकाश में बादलों की उपस्थिति देखने को मिलेगी तथा कुछ क्षेत्रों में कृषिकार्यों के लिए हितकारी अर्थात उचित मात्रा में वर्षा होने की संभावना है |गर्मी से कुछ राहत मिलेगी !
  26अप्रैल को अधिकाँश देशों प्रदेशों में धूप होगी एवं वर्षा की संभावना नहीं है |तापमान बढ़ जाएगा! वायु मंडल में ज्वलन शील गैसों की मात्रा अचानक बढ़ जाने के कारण इस दिन आग लगने की संभावना अधिक रहेगी | इस दिन सूर्य  मंडल लाल होगा एवं सूर्य की किरणें अधिक तीव्र होंगी इसीलिए इस दिन की धूप रोगों को जन्मदेने वाली एवं आँखों के लिए अहितकर होगी |
 27और28 अप्रैल को हवाओं का वेग कुछ अधिक होगा |धूल भरी हवाओं का वेग बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा | तापमान भी अधिक होगा !कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ भी घटित हो सकती हैं |
 29और30 अप्रैल कोआकाश में वायुप्रदूषण का  स्तर  काफी अधिक होगा |  मौसम सामान्य रहेगा |समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है | सामान्यतौर पर इन दिनों  में वर्षा प्रायः नहीं होगी!
आँधी तूफ़ान : अप्रैल के महीने में हिंसक आँधी तूफानों की संख्या काफी अधिक रहने की संभावना है इनका वेग काफी अधिक होने से इनकी प्रवृत्ति हिंसात्मिका रहेगी !जिससे जनधन की हानि काफी अधिक हो सकती है | संभव है इतने अधिक वेग वाले तूफ़ान पिछले कुछ दशकों में देखने को न मिले हों कुछ देशों प्रदेशों में तो इनका स्वरूप विशेष अधिक डरावना हो सकता है |10 अप्रैल से ऐसे तूफानों का क्रम प्रारंभ होगा जो अप्रैल अंत तक क्रमशः बढ़ता चला जाएगा !2,3,4,12,13,14,15,16,25,26,27,28,29,30 तारीखें अधिक डरावनी हो सकती हैं |
 आग लगने के बिषय में पूर्वानुमान: 1 से 24 अप्रैल तक अग्नि प्रकोप अधिक होगा !1से 13  अप्रैल तक आग लगने की घटनाएँ काफी अधिक  घटित होंगी उसमें भी 3,11,17,26,30 अप्रैल को अग्नि प्रकोप का भय विशेष अधिक रहेगा |इस महीने की इन तारीखों में तापमान भी अनुमान से काफी अधिक बढ़ा रहेगा !
तनाव का समय :1से 3अप्रैल एवं 26 से 30 अप्रैल तक लोगों के मन में समाज में समुदायों एवं दो देशों के बीच में तनाव विशेष अधिक बढ़ जाने का समय है | ऐसे समय में जिन्हें पहले से कोई तनाव चला आ रहा होगा उन्हें इस समय में अधिक परेशानी होगी | जिनके साथ ऐसा नहीं है इस समय में बेचैनी उनकी भी बढ़ेगी किंतु उन्हें अधिक परेशानी का अनुभव नहीं होगा | वैसे भी मंगोलिया रूस चीन नेपाल म्यांमार भारत भूटान आदि देशों को आतंरिक एवं बाह्य तनाव का सामना मार्च के महीने में करना पड़ सकता है |
उत्पात का समय : अप्रैल के महीने में चीन नेपाल म्यांमार भारत भूटान आदि देशों में अग्निकांड एवं आँधी तूफ़ान आदि प्राकृतिक आपदाएँ अधिक घटित हो सकती हैं | 1से 3 अप्रैल एवं 11 से15 अप्रैल एवं 27 से 30 अप्रैल के समय में आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी | इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की  सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बमविस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए |

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